कार के इंजन को ठीक से काम करने के लिए कूलेंट उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हवा और ईंधन। यह इंजन को ज़्यादा गरम होने से बचाता है, जंग और क्षरण से बचाता है, और स्नेहन प्रदान करता है, जिससे इंजन की उम्र बढ़ती है और यह बेहतर प्रदर्शन करता है।
कूलेंट कैसे काम करता है?
कूलेंट, जिसे एंटीफ्रीज़ भी कहा जाता है, एक तरल पदार्थ है जो पानी और ग्लाइकॉल (आमतौर पर ईथिलीन ग्लाइकॉल या प्रोपलीन ग्लाइकॉल) के मिश्रण से बना होता है। यह इंजन के अंदरूनी भागों में घूमता है, गर्मी को अवशोषित करता है, और फिर इसे रेडिएटर में छोड़ता है, जहां यह हवा द्वारा ठंडा हो जाता है।
कूलेंट इंजन की उम्र कैसे बढ़ाता है?
- ज़्यादा गरम होने से सुरक्षा: जब इंजन चलता है, तो यह बहुत अधिक गर्मी पैदा करता है। अगर इस गर्मी को ठीक से नहीं निकाला जाता है, तो इंजन के कई हिस्से खराब हो सकते हैं। कूलेंट इंजन को ज़्यादा गरम होने से बचाता है, जिससे इंजन के घटकों की उम्र बढ़ती है।
- जंग और क्षरण से सुरक्षा: कूलेंट में एडिटिव्स होते हैं जो इंजन के अंदरूनी हिस्सों को जंग और क्षरण से बचाते हैं। यह इंजन के धातु के हिस्सों को खराब होने से बचाता है और उनकी उम्र बढ़ाता है।
- स्नेहन: कूलेंट में ऐसे तत्व होते हैं जो पानी के पंप और अन्य चलने वाले हिस्सों को चिकनाई देते हैं। यह घर्षण को कम करता है और इन हिस्सों को आसानी से और कुशलता से काम करने में मदद करता है।
- कूलिंग सिस्टम में दबाव बनाए रखना: कूलिंग सिस्टम में सही दबाव बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि कूलेंट प्रभावी ढंग से घूम सके। कूलेंट इस दबाव को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे इंजन को ठंडा रखने में मदद मिलती है।
कूलेंट स्तर की जांच करना:
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके कार में हमेशा पर्याप्त कूलेंट हो। आप अपने कार के मालिक के मैनुअल में कूलेंट स्तर की जांच करने के तरीके के बारे में निर्देश पा सकते हैं।
कूलेंट बदलना:
कूलेंट को समय के साथ बदलना भी महत्वपूर्ण है। आपके कार के मालिक के मैनुअल में यह बताया जाएगा कि कितनी बार कूलेंट बदलना चाहिए।