आजकल, ओला और उबर जैसी ऐप्स का इस्तेमाल करके बड़े शहरों और छोटे शहरों में भी टैक्सी बुक करना आम बात हो गई है। ऐसे में, ओला ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब ओला अपनी यात्राओं के लिए गूगल मैप्स की जगह ओला मैप्स का इस्तेमाल करेगा।
ओला के इस फैसले के पीछे मुख्य कारण है पैसा बचाना। ओला के सीईओ भाविष अग्रवाल का कहना है कि गूगल मैप्स का इस्तेमाल करने के लिए कंपनी को हर साल 100 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। ओला मैप्स पर स्विच करने से यह खर्च पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
ओला मैप्स में गूगल मैप्स से भी ज्यादा अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसमें स्ट्रीट व्यू, इनडोर इमेज, NERF तकनीक, ड्रोन मैप्स और 3डी इमेज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
ओला ने माइक्रोसॉफ्ट Azure को भी अलविदा कह दिया है और अब अपनी AI जरूरतों के लिए Krutrim नामक अपनी इन-हाउस AI कंपनी का इस्तेमाल कर रहा है।
यह बदलाव दर्शाता है कि ओला आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
ओला का यह कदम भारतीय तकनीकी उद्योग के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
अब देखना होगा कि ओला मैप्स गूगल मैप्स को कितनी अच्छी टक्कर दे पाता है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:
- ओला अब गूगल मैप्स की जगह ओला मैप्स का इस्तेमाल करेगा।
- इस फैसले से ओला को हर साल 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।
- ओला मैप्स में स्ट्रीट व्यू, इनडोर इमेज, NERF तकनीक, ड्रोन मैप्स और 3डी इमेज जैसी सुविधाएं होंगी।
- ओला ने माइक्रोसॉफ्ट Azure को भी अलविदा कह दिया है और अब अपनी AI जरूरतों के लिए Krutrim नामक अपनी इन-हाउस AI कंपनी का इस्तेमाल कर रहा है।
यह बदलाव दर्शाता है कि ओला आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।