हाल ही में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसके संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस लेख में हम इस महत्वपूर्ण घटना के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जो न केवल भारत की सुरक्षा से संबंधित है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसके गंभीर प्रभाव हैं।
एनआईए की कार्रवाई
छापेमारी का विवरण
20 सितंबर 2024 को एनआईए की टीम ने मोगा, बठिंडा, और मोहाली में चार ठिकानों पर छापे मारे। इस कार्रवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने डिजिटल उपकरणों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियाँ जब्त की हैं। ये सामग्रियाँ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों से जुड़ी हैं और उनकी जांच चल रही है।
आपराधिक मामले की पृष्ठभूमि
एनआईए ने पन्नू और उसके संगठन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें एयर इंडिया के यात्रियों को धमकी देने वाले वीडियो संदेशों को जारी करने का मामला शामिल है। इसके अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की कई धाराएँ और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धाराएँ लागू की गई हैं।
पन्नू का मुकदमा
अमेरिकी अदालत में मामला
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में अमेरिका की न्यूयॉर्क अदालत में भारत सरकार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे चिंताजनक बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की बात कही है।
भारत का प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पन्नू के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि इस प्रकार के आरोप लगाने वाला व्यक्ति एक कट्टरपंथी संगठन का प्रतिनिधित्व करता है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस मामले की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि 'सिख फॉर जस्टिस' एक गैर-कानूनी संगठन है, जो भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देता रहा है।
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
भारत-यूएस संबंध
इस विवाद के बीच, अमेरिका में भारत के राजदूत एरिक गार्सेटी ने स्पष्ट किया कि इस मामले का भारत-यूएस संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।