भारत और रूस के बीच 70 वर्षों से चली आ रही दोस्ती किसी भी राजनीतिक रिश्ते से कहीं ज्यादा गहरी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह रिश्ता सिर्फ कूटनीतिक समझौतों या व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव भी शामिल है। दोनों देशों ने एक-दूसरे की कठिन परिस्थितियों में समर्थन किया है, चाहे वह युद्ध हो या आर्थिक संकट।
भारत और रूस की यह मित्रता 1950 के दशक से शुरू हुई थी, जब शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया। रूस ने भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाई, और सैन्य सहयोग भी इस रिश्ते का एक मजबूत आधार बना रहा। भारत के रक्षा क्षेत्र में रूस का योगदान सबसे ज्यादा रहा है, और आज भी भारत के कई रक्षा उपकरण रूसी तकनीक पर आधारित हैं।
आर्थिक सहयोग भी भारत-रूस संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऊर्जा, विज्ञान, अंतरिक्ष और तकनीकी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। साथ ही, सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इस रिश्ते को और मजबूत करता है।
भारत-रूस की इस अनमोल दोस्ती का सबसे बड़ा आधार यह है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों का हमेशा सम्मान किया है। यही वजह है कि यह रिश्ता 70 साल बाद भी उतना ही मजबूत और स्थिर बना हुआ है।