उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने यूपीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दे का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को छात्रों के प्रति क्रूर रवैया नहीं, बल्कि सहयोग और सहानुभूति दिखानी चाहिए।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, जिसके कारण विशिष्ट परीक्षाओं जैसे पीसीएस आदि को दो दिन में कराना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या यूपी के पास ऐसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, कि एक साथ इन परीक्षाओं का आयोजन किया जा सके। उनका कहना था कि जब देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई की समस्या गहरी हो, तो सरकार को छात्रों के प्रति अपना रवैया न सिर्फ सहयोगपूर्ण, बल्कि सहानुभूतिपूर्ण रखना चाहिए।
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने यूपीपीएससी के पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही समय में आयोजित करने में यूपी सरकार की विफलता पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने आगे कहा कि पेपर लीक और परीक्षाओं की विश्वसनीयता जैसे अहम मुद्दों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। एक साथ परीक्षा कराना इन समस्याओं का हल हो सकता है।
मायावती ने अपने अंतिम पोस्ट में यह भी कहा, "गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया सहानुभूति और सहयोगपूर्ण होना चाहिए। इस मामले में सरकार को जितनी जल्दी हो सके, खाली पड़े पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। यह छात्रों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।"
उधर, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। छात्रों का कहना है कि अगर पर्याप्त परीक्षा केंद्रों की कमी के कारण यह निर्णय लिया गया है, तो इसका समाधान निकाला जा सकता है।