हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) वस्तुओं की खपत में पिछले दो वर्षों में 60 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण है ग्रामीण इलाकों में सुविधा उत्पादों की बढ़ती प्राथमिकता। रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि ग्रामीण उपभोक्ताओं के बदलते जीवनशैली और बढ़ती क्रय शक्ति को दर्शाती है।
एफएमसीजी बास्केट में वृद्धि
लेटेस्ट ग्रुप एम और कंतार रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में जहां औसत एफएमसीजी बास्केट का आकार 5.88 था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 9.3 हो गया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से तैयार-खाने (आरटीई) उत्पादों, पेय पदार्थों और अन्य सुविधा उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी के कारण हुई है। रिपोर्ट बताती है कि अब ग्रामीण भारत में उपभोक्ता इन उत्पादों को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे बाजार का आकार व्यापक हो रहा है।
आय में वृद्धि और विविधता
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि एफएमसीजी बास्केट में यह सकारात्मक बदलाव ग्रामीण आय में वृद्धि और आय के स्रोतों की विविधता से जुड़ा हुआ है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के कुछ राज्यों में, जैसे जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र और ओडिशा, वित्तीय चिंताओं के बावजूद एफएमसीजी बास्केट में मध्यम वृद्धि देखी गई है। यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय भिन्नताएं अभी भी मौजूद हैं, लेकिन इन राज्यों में भी सुविधा उत्पादों की मांग बढ़ी है।
ग्रामीण जीवनशैली में बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में ग्रामीण भारत के लगभग 81 प्रतिशत लोग विविध आय स्रोतों पर निर्भर हैं, जबकि केवल 19 प्रतिशत लोग कृषि आय पर निर्भर हैं। कृषि आय पर निर्भर लोग अधिक वित्तीय दबाव में रहते हैं, जिससे उनकी एफएमसीजी वस्तुओं की खपत कम हो सकती है। दूसरी ओर, जिनके पास विविध आय स्रोत हैं, वे आर्थिक रूप से अधिक स्थिर होते हैं और एफएमसीजी वस्तुओं का अधिक उपभोग करते हैं।
डिजिटल बदलाव
ग्रामीण भारत में डिजिटल बदलाव भी तेजी से हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 47 प्रतिशत ग्रामीण आबादी पारंपरिक और डिजिटल मीडिया का हाइब्रिड मॉडल अपना रही है। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट और ई-कॉमर्स का उपयोग भी बढ़ा है। ग्रामीण भारत में अब एक्टिव इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा 42 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जबकि ई-कॉमर्स तक 23 प्रतिशत ग्रामीण उपभोक्ताओं की पहुंच हो गई है।
ब्रांड के लिए अवसर
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताएं, जैसे फैशन, स्वास्थ्य और यात्रा से संबंधित कंटेंट की ओर उनकी बढ़ती रुचि, ब्रांडों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करती है। ब्रांड्स को इन बदलती प्राथमिकताओं को समझकर अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को तदनुसार ढालना चाहिए, ताकि वे इस तेजी से बढ़ते हुए बाजार का अधिकतम लाभ उठा सकें।